यौन शोषण होने के बाद डिप्रेशन में रही, अपनी ही तरह जुल्म का शिकार 100 लड़कियों के साथ बनाई 'रेड ब्रिगेड', अब लड़कियों को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग देती हैं
उत्तर प्रदेश की ऐतिहासिक राजधानी लखनऊ में अपने साहस के दम पर अभी तक 75,000 से ज्यादा लड़कियों को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग देने वाली उषा विश्वकर्मा आज महिलाओं के लिए मिसाल बन गई हैं। उषा द्वारा स्थापित की गई रेड ब्रिगेड ट्रस्ट एक्ट के अंतर्गत रजिस्टर्ड है।
उषा ने समाज की भलाई के लिए किए गए प्रयासों से ये साबित कर दिया है कि दुनिया का अस्तित्व औरतों से ही है। उषा का बचपन गरीबी में बीता। 2010 में वे झुग्गी के बच्चों को पढ़ाने जाती थीं। वहीं एक लड़के ने टिन शेड में बने क्लासरूम में उनका यौन शोषण किया।
उषा कहती हैं - ''जब वह लड़का मेरे करीब था तो मुझमें इतना साहस भी नहीं था कि मैं उसका विरोध कर सकती। उसकी बढ़ती हरकतों को देखकर मैंने उसे दो थप्पड़ मारे और वहां से भाग निकली''। इस घटना का उषा के दिमाग पर गहरा प्रभाव हुआ। उसके बाद लगभग छह महीने तक वह डिप्रेशन में रहीं।
उषा के मन में तब ये विचार आया कि अगर मैं अपनी ही तरह की लड़कियों के लिए कोई प्रयास न कर सकी तो मेरी पढ़ाई बेकार ही जाएगी। अपनी इसी सोच के चलते 2011 में उषा ने 'रेड ब्रिगेड' की शुरुआत की। सबसे पहले उसने 15 ऐसी लड़कियों को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दी जो उन्हीं की तरह यौन शोषण का शिकार थीं।
इस ब्रिगेड से जुड़ी लड़कियां लाल कुर्ता और काली सलवार पहनती हैं। फिलहाल रेड ब्रिगेड से ऐसी ही 100 लड़कियां जुड़ी हुई हैं। वे स्कूल गर्ल्स को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग देती हैं ताकि जरूरत पड़ने पर मनचलों से बचा जा सके।
उषा अपने मिशन के जरिये समाज में ऐसा माहौल बनाना चाहती हैं जहां महिलाएं बेखौफ रह सकें। वे ज्यादा से ज्यादा लड़कियों को अपने मिशन से जोड़ना चाहती हैं। इस ब्रिगेड ने अपनी 15-20 मार्शल आर्ट तकनीक को डेवलप किया है जिसे 'नि:शस्त्र' नाम दिया है। इस तकनीक को उन्होंने अपने अनुभव और लड़कियों के साथ होने वाली दुराचार की घटनाओं को देखते हुए मॉडिफाई किया है।
उषा ने सरकार के 'कवच मिशन' के तहत 56,000 महिलाओं को मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग दी है। इसके अलावा वे अब तक 50 प्रतिष्ठित संस्थानों जैसे यूनिवर्सिटीज, स्कूल, रेलवे, बैंक, पुलिस और अन्य प्रोफेशन से जुड़ी महिलाओं को अपनी आत्मरक्षा के लिए मार्शल आर्ट के दांव पेंच सिखाते हुए देखी जाती हैं।
यौन शोषण के खिलाफ आवाज उठाते हुए उषा ने अब तक 700 नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया वहीं 225 सेमिनार के माध्यम से सेल्फ डिफेंस के तरीकों से महिलाओं को अवगत कराया है।
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