संयुक्त राष्ट्र.दुनिया में सबसे ज्यादा प्रवासी, भारतीय मूल के लोग हैं। इनकी संख्या 1.75 करोड़ है।द इंटरनेशनल आर्गेनाइजेशन फॉर माइग्रेशन (आईओएम) ने अपनी ग्लोबल माइग्रेशन रिपोर्ट 2020 में यह दावा किया है। यह रिपोर्ट 2018 के आंकड़ों के आधार पर बनाई गई है। इसके मुताबिक दूसरे स्थान पर मैक्सिको (1.18 करोड़) और तीसरे पर चीन (1.07 करोड़) है। भारतीय 2015 में भी सबसे आगे थे।
तीन साल में भारतीय प्रवासियों की संख्या में 0.1% बढ़ोतरी हुई है। इन लोगों ने अपने देश को एक साल में 5.5 लाख करोड़ रुपए भेजे हैं। यह 2015 की तुलना में 70 हजार करोड़ रुपए ज्यादा है,जबकि दुनियाभर के प्रवासियों ने अपने देशों में 49 लाख करोड़ रुपए भेजे।
दुनिया में प्रवासियों की संख्या करीब 27 करोड़
दुनिया में प्रवासियों की संख्या करीब 27 करोड़ है। प्रवासियों का सबसे बड़ा देश अमेरिका है। यहां करीब 5.1 करोड़ प्रवासी हैं। यह आंकड़ा दुनिया की आबादी का 3.5% है। इसका मतलब यह है कि अमूमन किसी भी देश में 96.5 % लोग स्थानीय या मूल निवासी ही हैं। प्रवासियों में से आधे से अधिक यानी 14.1 करोड़ यूरोप और उत्तर अमेरिका महाद्वीप में रहते हैं। प्रवासियों में 52 % पुरुष हैं। करीब दो तिहाई यानी 16.4 करोड़ प्रवासियों को रोजगार की तलाश है।
ग्रीन कार्ड पाने के लिए कतार में दूसरे नंबर पर भारतीय
भारत के करीब 2.27 लाख लोगों को अमेरिका में वैध स्थायी निवास की अनुमति का इंतजार है। ये लोग परिवार प्रायोजित ग्रीन कार्ड पाने के लिए कतार में हैं। इस सूची में मैक्सिको के सबसे ज्यादा 15 लाख लोग हैं। इसके बाद भारत और फिर 1.80 लाख के साथ चीन का नंबर है। ये वे लोग हैं, जिनके परिवार का कोई सदस्य अमेरिकी नागरिक है। अब ये भी वहां बसना चाहते हैं।
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